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लेखक:

अनीता वर्मा

25 जून, 1959 को जन्म।

देवघर और पटना में आरम्भिक शिक्षा के बाद भागलपुर विश्वविद्यालय से हिन्दी भाषा और साहित्य से बी.ए. ऑनर्स में प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त। एम.ए. में मानक अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान। ‘प्रेमचन्द के उपन्यासों में महाजनी सभ्यता’ पर शोधकार्य। रांची में निवास और अध्यापन।

‘पहल’, ‘साक्षात्कार’, ‘समकालीन भारतीय साहित्य’, ‘सर्वनाम’, ‘वागर्थ’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘कथादेश’, ‘जनसत्ता’, ‘हंस’, ‘आवेग’, ‘दस्तक’, ‘आवर्त’, ‘इंडिया टुडे वार्षिकी’ आदि प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताओं का प्रकाशन। ‘समकालीन सृजन’ के ‘कविता इस समय’, ‘विपाशा’ और ‘रचना समय’ के विशेषांकों में कविताएँ प्रकाशित। आकाशवाणी और दूरदर्शन से कविताओं का प्रसारण। ‘कविता का घर’ कार्यक्रम के अन्तर्गत चयनित कविता का दृश्य रूपान्तर।

वर्ष 2003 में पहला कविता-संग्रह ‘एक जन्म में सब’ प्रकाशित और चर्चित। विभिन्न भाषाओं के अतिरिक्त अंग्रेज़ी, डच और जर्मन में कविताओं के अनुवाद। ‘दस बरस : अयोध्या के बाद कविता’ में कविताएँ संकलित। डच भाषा में अनूदित हिन्दी कविता के संकलन ‘Ik Zag de Stad’ (मैंने शहर को देखा) और जर्मन में प्रकाशित Felsinschriften (शिलालेख) में कविताएँ संकलित। साहित्य अकादेमी की पत्रिका ‘इंडियन लिटरेचर’ में कुछ कविताओं के अंग्रेज़ी अनुवाद प्रकाशित। चीन की कुछ आधुनिक महिला कवियों के हिन्दी अनुवाद। चित्रकला, संगीत और दर्शन में विशेष रुचि। ‘एक जन्म में सब’ पर 2006 का ‘बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान’।

संपर्क : 204, रामेश्वरम अपार्टमेंट्स, साउथ ऑफ़िसपाड़ा, डोरंडा, रांची-834002, झारखंड। 

रोशनी के रास्ते पर

अनीता वर्मा

मूल्य: $ 12.95

अनीता वर्मा की काव्य संवेदना में निराशा और विकलता के बीच उम्मीद के आत्मिक बिंदु हमेशा चमकते दिखते हैं और पाठक की संवेदना को भी प्रकाशित करते रहते हैं।

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